Menu
blogid : 150 postid : 414

तू ही मन मीत है-“Valentine Contest”

सर झुकाकर आसमा को देखिये ...........
सर झुकाकर आसमा को देखिये ...........
  • 55 Posts
  • 992 Comments

मित्रो चलते चलते वो कविता सुनना चाहता हु (यदि आप सभी बोर न हुए हो तो ).. जो पहली बार मैंने अपनी पत्नी के लिए लिखी थी..[असल में पड़ोस में उनकी बहन किरायेदार थी जहा वो आई हुई थी …तो विवाह की बाते अन्दर अन्दर हो रही थी मुझे पता नहीं था इसलिए मैंने देखने की कोशिश भी नहीं की .. और जब विवाह तय हो गया और देखने की इच्छा हुई तो उन्होंने घर से बाहर ही निकलना बंद कर दिया और फिर अपने घर चली गई …. उसी समय में ये कविता मैंने लिखी थी..]…..ये रचना छंद में है………….

——————————————————————————————

lovebirds1

सुन के दो बैन ,मन चैन पाए ,रैन सारी कट जाये नैन भर निहारते – निहारते.

प्रीत की ये रीत ,मन मीत देख ,गीत नए बन जाये तुझको पुकारते – पुकारते .

कितने पहर बीते ,शशि – दिनकर बीते ,हाट -बाट -घर बीते सोचते – विचारते,

ओरी सुकुवारी -प्यारी ,सुनी है अटारी- आरी, क्षण भर केश ही संवारते – संवारते

—————————————————————————–

wp_Valentine's_Day_1280x1024

पथ-पथ नए रंग ,पग-पग तुम संग,पल-पल है उमंग बस यही प्रीत है.

तीर सी पवन लगे ,शीत से तपन जगे,सावन में लगे जैसे बूंद बूंद गीत है.

रात दिन काट लिए, सुख दुःख बाँट लिए, क्षण भर सोच नहीं हार है की जीत है,

तन-मन भाया मुझे प्रेम से सजाया,तुझे देख रोम रोम रोम कहे तू ही मन मीत है

————————————————

आप समझ गए होंगे इतनाप्रेम क्यों उमड़ रहा है पत्नी पर ..असल में वो मायके से आ चुकी है..और आज ही पिछली सारी पोस्ट पढने वाली है …. आगे कहने की जरुरत नहीं

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to deepak pandeyCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh