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”कौन है उस और ?-Valentine Contest”

सर झुकाकर आसमा को देखिये ...........
सर झुकाकर आसमा को देखिये ...........
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मित्रो आप सभी जानते है की पत्नी अपने मायके गई है… पर यकीं मानिए पता ही नहीं चलता .. पहले दिन से उस ख़ुशी का एहसास करने की कोशिश कर रहा हु जो हर व्यक्ति अपनी पत्नी के मायके जाने पर करता होगा.. पर ये मुआ फोन है की महसूस ही नहीं होने देता.. सुबह से रात तक फोन ,………खाना खाया या नहीं.. चाय पी या नहीं ,नहाये या नहीं… वैलेंटाइन कांटेस्ट में कुछ लिखा या नहीं.

अगर सेल फोन न होता ,, तो आज की हर साल सच्चा प्यार करने वाली पीढ़ी ..साल से हफ्ते में उतर जाती.. और इमोशनल अत्याचार टाईप के कार्यक्रमों की बाढ़ आ जाती..

आज के प्रेम पर विचार किया जाये… और आज की पीढ़ी से कह दिया जाये..की प्रेम में सबसे उपयोगी वस्तु क्या है.. तो मुझे विश्वाश है की 99 % आधुनिक प्रेमी कहेंगे.. फोन ,, और लगता है की वे सही भी है… एक गजल सबने सुनी होगी…….……..

आँख से दूर न हो दिल से उतर जायेगा…

वक्त का क्या है गुजरता है गुजर जायेगा………………….

इस लिए फोन आज प्रेम की सबसे महत्वपूर्ण और मजबूत आधारशिला है..क्योकि आँख से दूर होने पर यही प्रेम को स्थिर रखने का मंगल कार्य करता है और यही सोच कर मैंने फोन का स्विच पुनः आन कर दिया,

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ये पंक्तिया एक पी सी ओ में रची गई .. सीन ये था की मै वहा बैठा था.. तभी एक युवक आया और उसने फोन किया .. दूसरी तरफ से कोई आवाज आई .. माँ.. रांग नंबर है.. और इधर से युवक ने कहा तुम बस फोन पकडे रहो कुछ मत बोलो.. मै उसके हावभाव को बहुत ध्यान से देख रहा था.. ,, बस वही से कुछ पंक्तिया आई .. मैंने सोचा की अगर मै वहा होता तो क्या सोचता… ..

boy girl telephone

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मेरे फोन उठाने पर ,

जब तुम खामोश रहकर.

मेरी आवाज सुनने का प्रयास करते हो ….

तुम्हे लगता है ,

मै पहचान नहीं पाता की,

कौन है उस और…………………..

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पर मै ,

महसूस करता हु ,

साफ़ सुनता हु रिसीवर पर ,

तुम्हारी उंगलियों का कम्पन ….

उनकी सरसराहट..उनकी गति

उनका आयाम , उनकी निः शब्दता,

इसका अर्थ समझता हु……..

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मै,

महसूस करता हु ,

ठहर -ठहर कर उठती –

गिरती तुम्हारी साँसे,

उनकी गति, उनका आयाम,

उनकी निः शब्दता …

इसका अर्थ समझता हु ..

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मै……..

महसूस करता हु ,

तुम्हारा सिहर जाना,

अपने शरीर के रोम रोम पर..

मापने का प्रयास करता हु …

तुम्हारी धड़कने ,उनकी गति,

उनका आयाम,उनकी निः शब्दता …….

इसका अर्थ समझता हु.

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मै…

शांत रहता हु ,

स्थिर रहता हु , मौन रहता हु ,,

तुम्हारी हर सांस को महसूस करने के लिए ,

और तुम समझते हो…मै पहचान नहीं पाता……..

की, कौन है उस और……………………………………..

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